मुहावरे
- कलेजा मुंह को आना - बहुत परेशान होना
- कफन सिर पर बांधना - लड़ने मरने को तैयार होना
- किंकर्तव्यविमूढ़ होना - कोई निर्णय नहीं कर पाना
- कोल्हू का बैल होना - हर समय तैयार रहना
- कलेजा का टुकड़ा होना - दुख पहुंचाना कच्चा
- चिट्ठा खोलना -वेद खोलना
- कलेजा का टुकड़ा होना - अत्यंत प्रिय होना
- कटे पर नमक छिड़कना - दुखी को दुखी करना
- गागर में सागर भरना -थोड़े में बहुत कुछ कह देना
- चोली दामन का साथ होना - कनिष्ठ संबंध होना
- जमीन पर पैर ना रखना - बहुत गर्व होना
- डूबते को तिनके का सहारा - मुसीबत में थोड़ी सहायता लाभप्रद होती है
- दूध का दूध पानी का पानी - ठीक न्याय करना
- दोनों हाथों में लड्डू वरना - लाभ ही लाभ होना
- नीला पीला होना - क्रोध करना
- पांचों अंगुलियां घी में होना - सब और लाभ होना
- प्राण हथेली पर रखना - जान देने के लिए तैयार होना
- दांत खट्टे करना -परेशान करना
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लोकोक्तियां
- अपनी करनी पार उतरनी - स्वयं का परिश्रम ही काम आता है
- अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता - अकेला व्यक्ति शक्ति हीन होता है
- अधजल गगरी छलकत जाए - ओझा आदमी अधिक इत्र आता है
- अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत - अवसर निकल जाने के बाद पछताने का कोई मतलब नहीं
- अंधा चाहे दो आंखें - बिना प्रयास वांछित वस्तु का मिल जाना
- आम के आम गुठलियों के दाम - एक काम से दो लाभ होना
- आधा तीतर आधा बटेर - अनमेल मिश्रण
- ऊंट के मुंह में जीरा - आवश्यकता की नगरीय पूर्ति
- एक तो करेला दूजा नीम चढ़ा - बुरे से अधिक पूरा होना
- कभी गीत ना तो कभी मुक्ति चना - परिस्थितियां एक समान नहीं रहती है
- घर बैठे गंगा आना बिना - पर यतन के लाभ होना
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