वाक्य में अनावश्यक शब्द प्रयोग से लिंग वचन कारक का सही प्रयोग नहीं होने से तथा संज्ञा सर्वनाम का भी सही प्रयोग नहीं होने से वाक्य शुद्ध हो जाता है उसे ही वाक्य शुद्धि कहते हैंवाक्य शुद्धि
1. अनावश्यक शब्द के कारण अशुद्धि:- समान अर्थ वाले 2 शब्द तथा विपरीत अर्थ वाले 2 शब्द एक साथ प्रयोग होने पर वाक्य शुद्ध हो जाता है
अशुद्ध वाक्य - में प्रातः काल के समय पढ़ता हूं
शुद्ध वाक्य - मैं प्रातः काल पढ़ता हूं।
2. अनुपयुक्त शब्द के कारण अशुद्धि:- वाक्य में अनुपयुक्त शब्द के प्रयोग होने से वाक्य शुद्ध हो जाता है।
शुद्ध वाक्य- सीताराम की पत्नी थी
अशुद्ध वाक्य- सीताराम की स्त्री थीl
3. लिंग संबंधी अशुद्धि:- वाक्य में लिंग का उचित प्रयोग नहीं होने से वाक्य शुद्ध हो जाता है
शुद्ध वाक्य- मेरा एक प्रसिद्ध कवियत्री हैं
अशुद्ध वाक्य- मेरा एक प्रसिद्ध कवि है।
4. वचन संबंधी अशुद्धि:- वचन का सही प्रयोग नहीं होने से वाक्य शुद्ध हो जाता है
शुद्ध वाक्य- यह मेरे ही हस्ताक्षर हैं
अशुद्ध वाक्य- यह मेरा ही हस्ताक्षर हैं
5. क्रम संबंधी अशुद्धि:- शब्द का सही स्थान पर प्रयोग नहीं होने से अशुद्धि हो जाती हैं।
शुद्ध वाक्य- तुम वास्तव में चतुर हो।
अशुद्ध वाक्य- वास्तव में तुम चतुर हो।
6. सर्वनाम संबंधी अशुद्धि:- सर्वनाम का सही प्रयोग नहीं होने से वाक्य में अशुद्धि उत्पन्न हो जाती है।
शुद्ध वाक्य- मुझे आज अजमेर जाना है।
अशुद्ध वाक्य- मैंने आज अजमेर जाना है।
7. मुहावरे के कारण अशुद्धि:- मुहावरे का सही प्रयोग नहीं होने से वाक्य शुद्ध हो जाता है
शुद्ध वाक्य- प्रधानमंत्री ने देश का तूफानी दौरा किया
अशुद्ध वाक्य- प्रधानमंत्री ने देश का धुआंधार दौरा किया।
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