भाषा वह माध्यम है जिसके द्वारा मन के भावों और विचारों को प्रकट किया जाता है तथा दूसरों के भावों और विचारों को जाना जाता है |
भाषा का अर्थ है – बोलकर कहना
जैसे → बस में कन्डक्टर (परिचालक) द्वारा सीटी बजाना |
(2) दरवाजा खटखटाना |
(3) हाथ से इशारे करना |
जैसे → मोहन ने नाटक में अभिनय किया तथा उसे श्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला |
भाषा के रूप
मौखिक भाषा
लिखित भाषा
1. मौखिक भाषा
भाषा के जिस रूप से मन के भावों का आदान-प्रदान बोलकर और सुनकर किया जाता है, उसे मौखिक भाषा कहते है |
जैसे
नेता जी भाषण दे रहे हैं |
राम और मोहन फोन पर बाते कर रहे हैं |
नानी बच्चों को कहानी सुना रही हैं |
2. लिखित भाषा
भाषा के जिस रूप से मन के भावों तथा विचारों का आदान-प्रदान लिखकर तथा पढ़कर किया जाता है, उसे लिखित भाषा कहते हैं |
जैसे-
बच्चे परीक्षा दे रहे हैं |
राधा कहानी लिख रही है |
मोहन पत्र लिख रहा है |
भाषा के अनेक रूप
मातृभाषा
राष्ट्रभाषा
राजभाषा
बोली
1. मातृभाषा
जिस भाषा में शिशु पलता-बढ़ता है, उसे मातृभाषा कहते हैं |
2. राष्ट्रभाषा
पूरा राष्ट्र जिस भाषा में बातचीत करता है, उसे राष्ट्रभाषा कहते हैं |
भारतीय संविधान में २२ भाषाओं को मान्यता प्राप्त है |
हिंदी विश्व की दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है |
हिंदी भाषा को संपर्क भाषा भी कह सकते हैं |
3. राजभाषा
राजकाज की भाषा या सरकारी काम-काज की भाषा राजभाषा कहलाती है |
भारत की राजभाषा हिंदी है |
हिमाचल, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, उत्तांचल, राजस्थान, मध्य-प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, और दिल्ली की राजभाषा भी हिंदी है |
14 सितंबर 1949 को हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया |
4. बोली
सीमित क्षेत्र में स्थानीय व्यवहार में प्रयोग की जाने वाली भाषा बोली कहलाती है |
बोलियों का लिखित रूप नहीं होता |
सरकारी काम-काज में बोलियों को मान्यता प्राप्त नहीं है |
जैसे→ भोजपुरी, मारवाड़ी, हरियाणवी, गढ़वाली आदि |
साहित्य
किसी भी भाषा के ज्ञान के संचित कोष को साहित्य कहते हैं |
साहित्य की रचना गद्य और पद्य में दोनों में होती है |
कहानी, उपन्यास, नाटक, निबंध, एकांकी आदि गद्य की विधाएँ हैं |
व्याकरण ( Vyakaran )
वह शास्त्र जिससे भाषा के शुद्ध रूप और उसके प्रयोग का ज्ञान होता है, उसे व्याकरण कहते हैं |
1. पाँच आदमी उधर जा रही थी |
पाँच आदमी उधर जा रहे थे |
2. तीनों लड़कियाँ खाना बना रहे हैं |
तीनों लड़कियाँ खाना बना रही हैं |
व्याकरण के विभाग / अंग
वर्ण विचार
शब्द विचार
पद विचार
वाक्य विचार
1. वर्ण विचार
वह छोटी – से छोटी ध्वनि जिसके टुकड़े नहीं हो सकते, वर्ण कहलाती है |
जैसे → क्, च् , त् , प्
2. शब्द विचार
→ वर्णो के मेल से बने सार्थक और स्वतंत्र समूह का शब्द कहते है |
जैसे → कमल = क + म + ल
घर = घ + र
3. पद विचार
→ वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक शब्द पद कहलाता है |
जैसे → सीमा गाना गाती है |
4. वाक्य विचार
→ एक आश्य को प्रकट करने वाला पद – समूह वाक्य कहलाता है |
लिपि ( Lipi )
भाषा की ध्वनियों को जिन चिन्हों के द्वारा लिखा जाता है, उसे लिपि कहते हैं |
हिंदी की लिपि देवनागरी के नाम से जानी जाती है | इसे नागरी लिपि भी कहते हैं |
भाषा – लिपि
पंजाबी – गुरुमुखी
बांग्ला – बंगाली / बांग्ला
अंग्रेजी – रोमन
उर्दू – फ़ारसी
हिंदी – संस्कृत
गुजराती – मराठी
नेपाली – देवनागरी
उत्तर- मनुष्य और मनुष्य के बीच वस्तुओं के विषय में अपनी इच्छा और विचारों के आदान-प्रदान के लिए काम में लिए जाने वाले ध्वनि संकेत ही भाषा कहलाते हैं। इसमें साहित्य रचना भी होती है।
प्रश्न- बोली किसे कहते हैं?
उत्तर- बोली भाषा का वह रूप है जिसका व्यवहार बहुत ही सीमित क्षेत्र में होता है। भाषा का यह रूप मूलतः भूगोल पर आधारित होता है। यह साहित्यिक नहीं होती।
प्रश्न- भाषा के कितने रूप होते हैं?
उत्तर- भाषा की दो रूप माने जाते हैं- लिखित एवं मौखिक । भाषा का एक और रूप भी देखने में आता है जिसे सांकेतिक कहा जाता है।
प्रश्न- भाषा के किस रूप में समाज की संस्कृति, इतिहास व साहित्य सुरक्षित रहते हैं?
उत्तर- किसी भी भाषा के दो स्वरूप होते हैं लिखित एवं मौखिक। मूल रूप से तो भाषा का लिखित रूप ही समाज की संस्कृति, इतिहास व साहित्य का संरक्षक होता है लेकिन हमने देखा है कि वाचिक या मौखिक रूप से भी संस्कृति, इतिहास एवं साहित्य एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित हुए हैं।
प्रश्न- लिपि किसे कहते हैं?
हिंदी की लिपि कौनसी है? उत्तर- भाषा के लिखित रूप को ही लिपि कहा जाता है अर्थात भाषा के ध्वनि संकेतों को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होने वाले प्रतीक चिह्न ही लिपि है। हिंदी भाषा की लिपि का नाम देवनागरी है।
प्रश्न- देवनागरी लिपि की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर- देवनागरी एक आदर्श एवं वैज्ञानिक लिपि है। एक आदर्श एवं वैज्ञानिक सहज रूप में देखी जाने वाली समस्त विशेषताएँ देवनागरी में दृष्टिगत होती हैंय यथा 1 ध्वनि के अनुरूप चिहों के नाम । 2 एक ध्वनि के लिए एक चिह्न । क, चट् इत्यादि 3 लिपि चिहों की पर्याप्त संख्या। 4 लघु एवं दीर्घ स्वरों के लिए स्वतंत्र चिह्न ।
प्रश्न- भारत की प्राचीन लिपियाँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर- प्राचीन भारत में मुख्यतः दो लिपियाँ प्रचलित थीं- ब्राह्मी तथा खरोष्ठी लिपि।
प्रश्न- भारत की प्राचीन लिपियों के बारे में लिखिए।
उत्तर- ब्राह्मी लिपि- यह लिपि भारत की व्यापक एवं श्रेष्ठ लिपि मानी जाती है। यह बाएँ से दाएँ लिखी जाती थी। खरोष्ठी लिपि- यह लिपि विदेश से भारत आई थी। यह ईरान से पश्चिमोत्तर के रास्ते भारत आई। यह दाएँ से बाएँ लिखी जाती है। इसमें 5 स्वर एवं 32 व्यंजन अर्थात कुल 37 वर्ण हैं। इस लिपि के अक्षर खर अर्थात गधे के ओष्ठों के समान बेढंगे होने के कारण इसका नाम खरोष्ठी पड़ा। एक अन्य मत के अनुसार गधे की खाल पर लिखे जाने के कारण इसे खरपोश्त (खर-पृष्ठ) कहा जाता था इसी का अपभ्रंश खरोष्ठ एवं खरोष्ठी के रूप में हुआ।
प्रश्न- व्याकरण किसे कहते हैं?
उत्तर- व्याकरण नियमों का वह शास्त्र है जिसके द्वारा भाषा को शुद्ध बोलने व लिखने का ज्ञान प्राप्त होता है।
प्रश्न- व्याकरण किसे कहते हैं?
उत्तर- व्याकरण वह शास्त्र है जो हमें किसी भाषा के शुद्ध रूप को लिखने और बोलने की नियमों का ज्ञान करवाता है। व्याकरण के नियमों से भाषा में स्थिरता आती है। नियमों की स्थिरता से भाषा में एक प्रकार की मानकता स्थापित होती है। यही मानकता भाषा को परिनिष्ठित एवं परिष्कृत रूप प्रदान करती है। अतः व्याकरण ही ऐसा शास्त्र है जो भाषा को सर्वमान्य, शिष्ट-सम्मत एवं स्थायी रूप प्रदान करता है।
प्रश्न- भाषा के किस रूप में व्याकरण सम्मतता की संभावना रहती है?
उत्तर- भाषा के दो रूप प्रयुक्त होते हैं- लिखित और मौखिक। दोनों ही रूप व्याकरण के नियमों से अनुशासित होते हैं परंतु मौखिक रूप में व्याकरण का अनुशासन थोड़ा कम होता है। व्यक्ति धाराप्रवाह बोलता है अतः व्याकरण के नियमों का उल्लंघन स्वाभाविक हो जाता है।
प्रश्न- भाषा और व्याकरण का संबंध बताइए।
उत्तर- व्याकरण भाषा की वर्तनी को निश्चित रूप प्रदान करता है अर्थात जो भाषा मानक रूप में प्रयुक्त होती है उसके वर्णो, व्यंजनों, शब्दों एवं वाक्यों का विवेचन एवं प्रतिपादन व्याकरण के द्वारा ही होता है। अतः वाचिक माध्यम भाषा को बोलने लिखने में नियमों से साधने वाली वर्तनी को व्याकरण कहते हैं। स्पष्ट रूप से व्याकरण भाषा के स्वरूप को नियंत्रित करती है उसे शुद्ध रूप प्रदान करती है। व्याकरण के अभाव में भाषा का परिष्कार नहीं हो पाता।
प्रश्न- व्याकरण के प्रमुख अंगो का परिचय दीजिए।
उत्तर- व्याकरण के मुख्य रूप से चार अंग होते हैं वर्ण विचार- इसके अंतर्गत वर्गों से संबंधित उनके आकार, उच्चारण, वर्गीकरण एवं उनके मेल से शब्द निर्माण प्रक्रिया का ज्ञान होता है।
शब्द विचार- इसमें शब्द के भेद उत्पत्ति, व्युत्पत्ति एवं रचना के साथ-साथ शब्दों के प्रकारों का ज्ञान होता है।
पद विचार- इसमें शब्द से पद निर्माण की प्रक्रिया और पदों के विविध रूपों का वर्णन प्राप्त होता है।
वाक्य विचार- इसके अंतर्गत वाक्य से संबंधित उसके भेद, अन्वय, विश्लेषण, संश्लेषण, रचना एवं वाक्य निर्माण प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त होती है।
प्रश्न- भाषा की प्रमुख इकाइयों का परिचय दीजिए।
उत्तर- भाषा की निम्न इकाइयाँ होती हैं ध्वनि- हमारे मुख से निकलने वाली प्रत्येक आवाज ध्वनि कहलाती है।
वर्ण- वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई मानी जाती है।
शब्द- वर्णों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं।
पद- वाक्य में प्रयुक्त पद को शब्द कहा जाता है अर्थात जब कोई शब्द वाक्य में प्रयुक्त होकर अन्य शब्दों के साथ अपना संबंध स्थापित कर लेता है तो वह पद कहलाता है।
वाक्य- शब्दों के मेल से जब एक पूर्ण विचार प्रकट होता है तो वह शब्द समूह वाक्य कहलाता है अर्थात शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं।
भाषा का अर्थ है – बोलकर कहना
जैसे → बस में कन्डक्टर (परिचालक) द्वारा सीटी बजाना |
(2) दरवाजा खटखटाना |
(3) हाथ से इशारे करना |
जैसे → मोहन ने नाटक में अभिनय किया तथा उसे श्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार मिला |
भाषा के रूप
मौखिक भाषा
लिखित भाषा
1. मौखिक भाषा
भाषा के जिस रूप से मन के भावों का आदान-प्रदान बोलकर और सुनकर किया जाता है, उसे मौखिक भाषा कहते है |
जैसे
नेता जी भाषण दे रहे हैं |
राम और मोहन फोन पर बाते कर रहे हैं |
नानी बच्चों को कहानी सुना रही हैं |
2. लिखित भाषा
भाषा के जिस रूप से मन के भावों तथा विचारों का आदान-प्रदान लिखकर तथा पढ़कर किया जाता है, उसे लिखित भाषा कहते हैं |
जैसे-
बच्चे परीक्षा दे रहे हैं |
राधा कहानी लिख रही है |
मोहन पत्र लिख रहा है |
भाषा के अनेक रूप
मातृभाषा
राष्ट्रभाषा
राजभाषा
बोली
1. मातृभाषा
जिस भाषा में शिशु पलता-बढ़ता है, उसे मातृभाषा कहते हैं |
2. राष्ट्रभाषा
पूरा राष्ट्र जिस भाषा में बातचीत करता है, उसे राष्ट्रभाषा कहते हैं |
भारतीय संविधान में २२ भाषाओं को मान्यता प्राप्त है |
हिंदी विश्व की दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है |
हिंदी भाषा को संपर्क भाषा भी कह सकते हैं |
3. राजभाषा
राजकाज की भाषा या सरकारी काम-काज की भाषा राजभाषा कहलाती है |
भारत की राजभाषा हिंदी है |
हिमाचल, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, उत्तांचल, राजस्थान, मध्य-प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, और दिल्ली की राजभाषा भी हिंदी है |
14 सितंबर 1949 को हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया |
4. बोली
सीमित क्षेत्र में स्थानीय व्यवहार में प्रयोग की जाने वाली भाषा बोली कहलाती है |
बोलियों का लिखित रूप नहीं होता |
सरकारी काम-काज में बोलियों को मान्यता प्राप्त नहीं है |
जैसे→ भोजपुरी, मारवाड़ी, हरियाणवी, गढ़वाली आदि |
साहित्य
किसी भी भाषा के ज्ञान के संचित कोष को साहित्य कहते हैं |
साहित्य की रचना गद्य और पद्य में दोनों में होती है |
कहानी, उपन्यास, नाटक, निबंध, एकांकी आदि गद्य की विधाएँ हैं |
व्याकरण ( Vyakaran )
वह शास्त्र जिससे भाषा के शुद्ध रूप और उसके प्रयोग का ज्ञान होता है, उसे व्याकरण कहते हैं |
1. पाँच आदमी उधर जा रही थी |
पाँच आदमी उधर जा रहे थे |
2. तीनों लड़कियाँ खाना बना रहे हैं |
तीनों लड़कियाँ खाना बना रही हैं |
व्याकरण के विभाग / अंग
वर्ण विचार
शब्द विचार
पद विचार
वाक्य विचार
1. वर्ण विचार
वह छोटी – से छोटी ध्वनि जिसके टुकड़े नहीं हो सकते, वर्ण कहलाती है |
जैसे → क्, च् , त् , प्
2. शब्द विचार
→ वर्णो के मेल से बने सार्थक और स्वतंत्र समूह का शब्द कहते है |
जैसे → कमल = क + म + ल
घर = घ + र
3. पद विचार
→ वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक शब्द पद कहलाता है |
जैसे → सीमा गाना गाती है |
4. वाक्य विचार
→ एक आश्य को प्रकट करने वाला पद – समूह वाक्य कहलाता है |
लिपि ( Lipi )
भाषा की ध्वनियों को जिन चिन्हों के द्वारा लिखा जाता है, उसे लिपि कहते हैं |
हिंदी की लिपि देवनागरी के नाम से जानी जाती है | इसे नागरी लिपि भी कहते हैं |
भाषा – लिपि
पंजाबी – गुरुमुखी
बांग्ला – बंगाली / बांग्ला
अंग्रेजी – रोमन
उर्दू – फ़ारसी
हिंदी – संस्कृत
गुजराती – मराठी
नेपाली – देवनागरी
भाषा, लिपि और व्याकरण संबंधी प्रश्न
प्रश्न- भाषा से आप क्या समझते हैं?उत्तर- मनुष्य और मनुष्य के बीच वस्तुओं के विषय में अपनी इच्छा और विचारों के आदान-प्रदान के लिए काम में लिए जाने वाले ध्वनि संकेत ही भाषा कहलाते हैं। इसमें साहित्य रचना भी होती है।
प्रश्न- बोली किसे कहते हैं?
उत्तर- बोली भाषा का वह रूप है जिसका व्यवहार बहुत ही सीमित क्षेत्र में होता है। भाषा का यह रूप मूलतः भूगोल पर आधारित होता है। यह साहित्यिक नहीं होती।
प्रश्न- विभाषा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- विभाषा का क्षेत्र बोली से थोड़ा विस्तृत तथा भाषा से थोड़ा कम होता है। यह एक प्रांत या उपप्नांत में प्रचलित होती है। वस्तुतः जब कोई बोली अपना क्षेत्र विस्तृत कर परिष्कृत हो जाती है और एक बड़े क्षेत्र के निवासियों द्वारा बोली जाने लगती है तो वह भाषा कहलाती है। इसमें अल्प मात्रा में साहित्य रचना भी होती है।प्रश्न- भाषा के कितने रूप होते हैं?
उत्तर- भाषा की दो रूप माने जाते हैं- लिखित एवं मौखिक । भाषा का एक और रूप भी देखने में आता है जिसे सांकेतिक कहा जाता है।
प्रश्न- भाषा के किस रूप में समाज की संस्कृति, इतिहास व साहित्य सुरक्षित रहते हैं?
उत्तर- किसी भी भाषा के दो स्वरूप होते हैं लिखित एवं मौखिक। मूल रूप से तो भाषा का लिखित रूप ही समाज की संस्कृति, इतिहास व साहित्य का संरक्षक होता है लेकिन हमने देखा है कि वाचिक या मौखिक रूप से भी संस्कृति, इतिहास एवं साहित्य एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित हुए हैं।
प्रश्न- लिपि किसे कहते हैं?
हिंदी की लिपि कौनसी है? उत्तर- भाषा के लिखित रूप को ही लिपि कहा जाता है अर्थात भाषा के ध्वनि संकेतों को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होने वाले प्रतीक चिह्न ही लिपि है। हिंदी भाषा की लिपि का नाम देवनागरी है।
प्रश्न- देवनागरी लिपि की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर- देवनागरी एक आदर्श एवं वैज्ञानिक लिपि है। एक आदर्श एवं वैज्ञानिक सहज रूप में देखी जाने वाली समस्त विशेषताएँ देवनागरी में दृष्टिगत होती हैंय यथा 1 ध्वनि के अनुरूप चिहों के नाम । 2 एक ध्वनि के लिए एक चिह्न । क, चट् इत्यादि 3 लिपि चिहों की पर्याप्त संख्या। 4 लघु एवं दीर्घ स्वरों के लिए स्वतंत्र चिह्न ।
प्रश्न- भारत की प्राचीन लिपियाँ कौन-कौन सी हैं?
उत्तर- प्राचीन भारत में मुख्यतः दो लिपियाँ प्रचलित थीं- ब्राह्मी तथा खरोष्ठी लिपि।
प्रश्न- भारत की प्राचीन लिपियों के बारे में लिखिए।
उत्तर- ब्राह्मी लिपि- यह लिपि भारत की व्यापक एवं श्रेष्ठ लिपि मानी जाती है। यह बाएँ से दाएँ लिखी जाती थी। खरोष्ठी लिपि- यह लिपि विदेश से भारत आई थी। यह ईरान से पश्चिमोत्तर के रास्ते भारत आई। यह दाएँ से बाएँ लिखी जाती है। इसमें 5 स्वर एवं 32 व्यंजन अर्थात कुल 37 वर्ण हैं। इस लिपि के अक्षर खर अर्थात गधे के ओष्ठों के समान बेढंगे होने के कारण इसका नाम खरोष्ठी पड़ा। एक अन्य मत के अनुसार गधे की खाल पर लिखे जाने के कारण इसे खरपोश्त (खर-पृष्ठ) कहा जाता था इसी का अपभ्रंश खरोष्ठ एवं खरोष्ठी के रूप में हुआ।
प्रश्न- व्याकरण किसे कहते हैं?
उत्तर- व्याकरण नियमों का वह शास्त्र है जिसके द्वारा भाषा को शुद्ध बोलने व लिखने का ज्ञान प्राप्त होता है।
प्रश्न- व्याकरण किसे कहते हैं?
उत्तर- व्याकरण वह शास्त्र है जो हमें किसी भाषा के शुद्ध रूप को लिखने और बोलने की नियमों का ज्ञान करवाता है। व्याकरण के नियमों से भाषा में स्थिरता आती है। नियमों की स्थिरता से भाषा में एक प्रकार की मानकता स्थापित होती है। यही मानकता भाषा को परिनिष्ठित एवं परिष्कृत रूप प्रदान करती है। अतः व्याकरण ही ऐसा शास्त्र है जो भाषा को सर्वमान्य, शिष्ट-सम्मत एवं स्थायी रूप प्रदान करता है।
प्रश्न- भाषा के किस रूप में व्याकरण सम्मतता की संभावना रहती है?
उत्तर- भाषा के दो रूप प्रयुक्त होते हैं- लिखित और मौखिक। दोनों ही रूप व्याकरण के नियमों से अनुशासित होते हैं परंतु मौखिक रूप में व्याकरण का अनुशासन थोड़ा कम होता है। व्यक्ति धाराप्रवाह बोलता है अतः व्याकरण के नियमों का उल्लंघन स्वाभाविक हो जाता है।
प्रश्न- भाषा और व्याकरण का संबंध बताइए।
उत्तर- व्याकरण भाषा की वर्तनी को निश्चित रूप प्रदान करता है अर्थात जो भाषा मानक रूप में प्रयुक्त होती है उसके वर्णो, व्यंजनों, शब्दों एवं वाक्यों का विवेचन एवं प्रतिपादन व्याकरण के द्वारा ही होता है। अतः वाचिक माध्यम भाषा को बोलने लिखने में नियमों से साधने वाली वर्तनी को व्याकरण कहते हैं। स्पष्ट रूप से व्याकरण भाषा के स्वरूप को नियंत्रित करती है उसे शुद्ध रूप प्रदान करती है। व्याकरण के अभाव में भाषा का परिष्कार नहीं हो पाता।
प्रश्न- व्याकरण के प्रमुख अंगो का परिचय दीजिए।
उत्तर- व्याकरण के मुख्य रूप से चार अंग होते हैं वर्ण विचार- इसके अंतर्गत वर्गों से संबंधित उनके आकार, उच्चारण, वर्गीकरण एवं उनके मेल से शब्द निर्माण प्रक्रिया का ज्ञान होता है।
शब्द विचार- इसमें शब्द के भेद उत्पत्ति, व्युत्पत्ति एवं रचना के साथ-साथ शब्दों के प्रकारों का ज्ञान होता है।
पद विचार- इसमें शब्द से पद निर्माण की प्रक्रिया और पदों के विविध रूपों का वर्णन प्राप्त होता है।
वाक्य विचार- इसके अंतर्गत वाक्य से संबंधित उसके भेद, अन्वय, विश्लेषण, संश्लेषण, रचना एवं वाक्य निर्माण प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त होती है।
प्रश्न- भाषा की प्रमुख इकाइयों का परिचय दीजिए।
उत्तर- भाषा की निम्न इकाइयाँ होती हैं ध्वनि- हमारे मुख से निकलने वाली प्रत्येक आवाज ध्वनि कहलाती है।
वर्ण- वर्ण भाषा की सबसे छोटी इकाई मानी जाती है।
शब्द- वर्णों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं।
पद- वाक्य में प्रयुक्त पद को शब्द कहा जाता है अर्थात जब कोई शब्द वाक्य में प्रयुक्त होकर अन्य शब्दों के साथ अपना संबंध स्थापित कर लेता है तो वह पद कहलाता है।
वाक्य- शब्दों के मेल से जब एक पूर्ण विचार प्रकट होता है तो वह शब्द समूह वाक्य कहलाता है अर्थात शब्दों के सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं।
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