अध्याय 8 कार्बन एवं उसके यौगिक(Carbon and it's compound)
वर्जिनियस की धारणा यह थी कि कार्बनिक योगिकों का निर्माण केवल जीव धारियों से ही संभव है तथा इनका कृत्रिम वीधीयो द्वारा प्रयोगशाला में संश्लेषण संभव नहीं है इसे जैव शक्ति सिद्धांत कहां गया है इसके पश्चात जीव धारियों से प्राप्त होने वाले योगिकों को कार्बनिक योगिक कहते हैं।
कार्बन परमाणु की विशेषताएं:-
- कार्बन परमाणु आवर सारणी के परमाणु क्रमांक 6 पर पाया जाता है।
- कार्बन का आकार छोटा होने के कारण यह सिग्मा बंध तथा पाई बंध द्वारा दिवबंध तथा त्रिबंध का निर्माण करता है।
- कार्बन परमाणु को c से व्यक्त करते हैं।
- कार्बन परमाणु की संयोजकता चार होती है।
- कार्बन परमाणु की ज्यामिति समचतुषक फ़लकीय होती हैं।
- कार्बन परमाणु में श्रकलन का गुण पाया जाता है
कार्बन के अपरूप(Allotropes of carbon)
प्रकृति में कार्बन अनेक रूपों में पाया जाता है जैसे हीरा ग्रेफाइट फुलरीन आदि।
क्रिस्टलीय अपरूप:- वह अपरूप जिसमें कार्बन परमाणु एक निश्चित व्यवस्था में व्यवस्थित रहते हुए एक निश्चित समिति से निश्चित बन्धकोंण का निर्माण करता है उसे क्रिस्टलीय अपरूप कहते हैं।
1. हीरा(Diamond):- हीरे में कार्बन का प्रत्येक कार्बन परमाणु कार्बन के चार अन्य कार्बन परमाणु के साथ आमंत्रित होकर एक दृढ़ त्रिआयामी चतुर फलकिय संरचना का निर्माण करते हैं।
- यह कार्बन का सबसे शुद्ध रूप माना जाता है।
- हीरा विद्युत का कुचालक होता है क्योंकि इसमें मुक्त इलेक्ट्रॉन अनुपस्थित होते हैं।
- हीरा पारदर्शक होता है।
- प्रकृति में सर्वाधिक कठोर पदार्थ हीरा ही है।
- हीरे का प्रयोग का काच तथा पत्थर को काटने में किया जाता है।
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