अध्याय - 7 परमाणु सिद्धांत, तत्वों का आवर्ती वर्गीकरण व गुणधर्म
पदार्थ के बारे में जानने के लिए मनुष्य बहुत ही प्राचीन काल से प्रयास करते जा रहे हैं। प्राचीन भारतीय दार्शनिक महा श्री कणाद ने बताया की पदार्थ को छोटे-छोटे टुकड़ों में लगातार विभाजित करने पर अंत में एक सूक्ष्मतम कण प्राप्त होगा जिसे परमाणु कहते हैं। इन सूक्ष्म कण को और अधिक विभाजित नहीं किया जा सकता है। एक अन्य वैज्ञानिक का कात्यायम ने बताया कि पदार्थों के भिन्न भिन्न रूप इन कणों की संयुक्त होने से प्राप्त होते हैं।
परमाणु सिद्धांत(Atomic Theory)
1. डाल्टन का परमाणु सिद्धांत:- 1808 में जॉन डाल्टन नामक ब्रिटिश स्कूल अध्यापक ने परमाणु की व्याख्या करने के लिए एक सिद्धांत दिया यह परमाणु सिद्धांत रासायनिक संयोजन द्रव्यमान संरक्षण एवं निश्चित अनुपात के नियम के आधार पर दिया गया है।
- प्रत्येक पदार्थ छोटे-छोटे कणों से मिलकर बने होते हैं जिन्हें परमाणु कहते हैं।
- परमाणु अविभाज्य कण होते हैं।
- एक ही तत्व के सभी परमाणु समान अर्थात भार आकार व रासायनिक गुण धर्मों में समान होते हैं।
- भिन्न भिन्न तत्वों के परमाणु भार आकार व रासायनिक गुण धर्मों में भिन्न-भिन्न होते हैं।
- अलग-अलग तत्वों के परमाणु सदैव छोटी-छोटी पूर्ण संख्याओं के सरल अनुपात में सहयोग कर योग्य बनाते हैं।
2. थॉमसन का परमाणु मॉडल:- अब तक इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन की खोज हो चुकी है
- परमाणु में इलेक्ट्रॉन प्रोटॉन की संरचना को समझाने के लिए थॉमसन ने एक मॉडल प्रस्तुत किया।
- परमाणु में संरचना संबंधी सबसे पहले मॉडल जे जे थॉमसन ने प्रस्तुत किया था।
- परमाणु एक धन आवेशित गोला होता है इसमें इलेक्ट्रॉन चक्कर लगाते हैं।
- परमाणु विद्युत रूप से उदासीन होता है।
3. रदरफोर्ड का स्वर्ण पत्र प्रयोग:- रदरफोर्ड तथा उनके शिष्यों ने सन 1911 में सोने की बहुत पतली पन्नी पर अल्फा कणों की बमबारी का प्रयोग किया। इसके जिले के चारों तरफ जिंक सल्फाइड का वार्ताकार पर्दा रखा। अधिकांश अल्फा कण सोने की झिल्ली से बिना विक्षेपित हुए ही सीधे निकल गए। बहुत कम अल्फा कण कुछ अंश कोण से विकसित हुए।
संपूर्ण नोट्स👇👇
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